हर हर महादेव मित्रों ,कैसे है आप लोग,आशा करते हैं कि आप ठीक होंगे।
प्रिय पाठकों, आज की इस पोस्ट मे हम जानेंगे की पूजा करते समय उबासी, रोंगटे और सिर भारी क्यों हो जाता है।
मतलब कि पूजा करते समय उबासी क्यों आती है, रोंगटे क्यों खड़े हो जाते है और सिर भारी क्यों हों जाता है?तो चलिए बिना देरी किए पढ़ते हैं आज की पोस्ट। सबसे पहले जानते है कि पूजा करते समय उबासी क्यों आती है।
पूजा करते समय उबासी क्यों आती है?
यदि पूजा करते समय उबासी या नींद आने लगे तो इसके दो कारण हो सकते है पहला पॉजिटिव एनर्जी और दूसरा नेगेटिविटी एनर्जी।
पहले हम पॉजिटिव एनर्जी के बारे मे बात करते हैं
पूजा करते समय यदि आपको उबासी आ रही है या नींद आ रही है ,तो इसका अर्थ है की कोई पॉजिटिव एनर्जी, कोई दैवीय शक्ति आपके आस-पास है और आपसे कुछ कहना चाहती है या आपको एहसास कराना चाहती है, कि वो आपके साथ हैं। वह आपकी पुकार को स्पष्ट सुन रहीं है। वह आपको उबासी के जरिए बताती है कि आपकी पूजा सफल हो रही है।
अब बात करते हैं नेगेटिव एनर्जी की-मित्रों, यदि पूजा करते समय आपको उबासी या नींद आए तो इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि कोई नेगेटिव ऊर्जा आपके आस-पास हो। जो चाहती हो कि आप अपनी साधना,पूजा,आराधना मे सफल न हो।
ये नेगेटिव ऊर्जा आपको आपके पथ से भटकाने के लिए होती है ताकि आप पूजा ,आराधना न कर सकें। आप परेशान रहे, दुःखी रहें। अब सवाल उठता है कि हम कैसे पहचाने की हमारी उबासी या नींद शुभ है या अशुभ। हमारे पास पॉजिटिव ऊर्जा थी या नेगेटिव ऊर्जा।
तो मित्रों, इसे पहचानना बहुत सरल है। अगर नींद और उबासी आने के बाद भी आप अपनी पूजा को अच्छे तरीके से संपन्न कर लें और पूजा से उठने के बाद आपको सब कुछ अच्छा लगे ,आप खुश हो और अपने को हल्का व तरोताजा महसूस करें ,तो समझिए की आपके पास पॉजिटिव एनर्जी थी। आपके लिए उबासी और नींद आना शुभ था।
वहीँ बिल्कुल इसके विपरीत हो यानी नींद और उबासी आने के बाद आप अपनी पूजा को पूरा न कर पाए या फिर किसी भी तरह से आप पूजा तो पूरी कर लें ,लेकिन पूजा पर से उठने के बाद आपको थका हुआ महसूस हो ,शरीर मे दर्द हो और पूजा करने के बाद भी नींद आ रही हो ,तो समझ जाये कि आपके पास नेगेटिव ऊर्जा थी। आपको नींद और उबासी नेगेटिव ऊर्जा के कारण आ रही थी, जो कि अशुभ संकेत देती है।
पूजा करते समय रोंगटे खड़े का क्या अर्थ है?
पूजा करते समय रोंगटे खडे होने का अर्थ है कि आपकी पूजा सफल हो रही है। जिस किसी भी भगवान की आप पूजा करते हैं वो आपसे प्रसन्न है।
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पूजा करते समय सिर भारी होने का क्या अर्थ है?
मित्रों ,पूजा करते समय सिर भारी होने का कारण है पॉजिटिव और नेगेटिव ऊर्जा। पूजा करते समय दोनों एनर्जीजियो मे से कोई एक एनर्जी शरीर मे प्रवेश करती। जिसका उदेश्य होता है पाठ या स्तुति को सुनना।
जब तक वह एनर्जी शरीर के अंदर रहती है ,तब,तक,पूजा करते समय सिर भारी होना ,शरीर मे दर्द होना, अकड़न होना जैसी संभावना होती है। पॉजिटिव ऊर्जा के शरीर मे प्रवेश करने पर ,जब तक पूजा करेंगे ,तब तक ही आपके सिर मे दर्द रहेगा या फिर सिर भारी रहेगा।
वहीँ अगर नेगेटिव ऊर्जा की बात करें ,तो यह शरीर मे प्रवेश करने के बाद, जब तक आप पूजा करते ,तब तक तो सिर मे दर्द और भारीपन रहता ही है ब्लकि पूजा से उठने के बाद भी सिर दर्द और भारीपन रहता है।
मित्रों पॉजिटिव ऊर्जा कौन सी होती है,ये तो आप सभी जानते है। देवी,देवता ,भगवान आदि। ये सब पॉजिटिव ऊर्जा होती है,इसलिए इनसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ये हमेशा नियमों से चलते हैं।
लेकिन जो नकारात्मक ऊर्जा होती है इनसे थोड़ा बचाव की जरूरत होती है। मित्रों,नकारात्मक ऊर्जा भी दो प्रकार की होती है, इसलिये इसे समझना बहुत जरूरी है।
एक नकारात्मक ऊर्जा वो होती जो आपके ही परिवार की होती है जैसे घर मे यदि किसी की अकाल मृत्यु हो गयी हो या फिर घर के कोई बहुत पुराने मृत पूर्वज।
इन दोनों का ही पूजा करते समय आपके शरीर मे प्रवेश करने का केवल एक ही उद्देश्य होता हैं ,वो हैं मुक्ति पाना। किसी कारण वश इन्हें मुक्ति नहीं मिली होती। जिस कारण ये भटक रहे होते हैं इसलिये पूजा करते समय आपके शरीर मे प्रवेश करने पर ,ये आपके जरिए की गई स्तुति ,पाठ को सुनकर तृप्त होते है। जिससे इन्हें मुक्ति मिल जाती है।
दूसरी नकारात्मक ऊर्जा वो होती है,जिनसे आपका कोई रिश्ता नहीं होता। ये बाहरी नकारात्मक ऊर्जा होती है। जो किसी के भी प्रति आकर्षित हो जाती है। जैसे कि यदि किसी नकारात्मक ऊर्जा को आप या आपका रहन सहन अच्छा लगता हो, तो वो आपको पाने के लिए आपके शरीर मे प्रवेश करेगी।
या फिर आपके जरिए किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए आपके शरीर मे प्रवेश करेगी। पूजा पाठ करने से मन शुद्ध होता है, इसलिए आपके पूजा पाठ करने से इन आत्माओं को परेशानी होती है।
इनका अहम लक्ष्य होता है, आपको पूजा पाठ से भटकाना ,दूर रखना। जिससे कि आप पूजा ,ध्यान आदि न कर सके और आपके घर पर इनका राज हो। इसलिये पूजा करते समय ये शरीर मे प्रवेश करती है। जिससे आपका सिर भारी होने लगता है।
ऐसी नकारात्मक ऊर्जा से थोड़ा बचने की जरूरत होती है। क्योंकि ऐसी ऊर्जा घर को तहस-नहस करके रख देती है। ऐसी ऊर्जा के कारण दांपत्य जीवन मे बड़ा प्रभाव पड़ता है।
क्लेश होना ,मन न मिलना ,घर के बाकी सदस्यों पर भी गुस्सा आना , बेवजह चिड़चिड़ापन रहना ,आर्थिक स्थिति का खराब होना आदि समस्याएँ।
ये सब काम वो नकारात्मक ऊर्जा करती ही इसलिये है कि आप पूजा पाठ न कर सके, आपका मन ही न लगे पूजा मे, क्योंकि पूजा करने से मन शुद्ध होता है। मन मे ,घर मे प्रभु का वास होता है। और जब मन शुद्ध होगा और उसमे प्रभु का वास होगा तो, ये गलत ऊर्जाएं आपके शरीर मे प्रवेश नहीं कर पायेंगी।
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नकारात्मक ऊर्जा से बचने का उपाय
चूंकि नकारात्मक ऊर्जा का उद्देश होता है आपको पूजा पाठ से दूर रखना ,तो इस समस्या का समाधान भी पूजा ही है।
जी दोस्तो , आपको पूजा पाठ छोड़ने की बजाय और ज्यादा पूजा करनी चाहिए। ऐसा करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं। वो गलत ऊर्जा आपको पूजा करने से रोकेगी। कभी आपको नींद आएगी ,कभी उबासी आएगी ,कभी दिया बार-बार बुझ जायेगा आदि समस्याएं आयेंगी।
लेकिन आपको इनसे डरना और घबराना नहीं है ब्लकि डट कर सामना करना। इनका मेन मक़सद है पूजा को रोकना इसलिए किसी भी परिस्थिति में आपको पूजा रोकनी नहीं है।
पाठ या स्तुति करते -करते हो सकता है कि आप लाइन को भूल जाये कि मैं किस लाइन पर था ,कोई बात नहीं ,आप फिर दोबारा से पढ़ना शुरू करें। लेकिन रुके नही। भगवान पर विश्वास रखते हुए अपनी पूजा जारी रखें। ऐसा कई दिनों तक हो सकता है इसलिए आपको ये दृढ़ निश्चय करना है कि, चाहे कुछ भी हो जाये मैं पूजा करना नहीं छोड़ूंगा।
आप देखना एक दिन आपकी विजय होगी। और जिस दिन आप नकारात्मक ऊर्जा पर जीत हासिल कर लेंगे, उस दिन आप खुद को बहुत हल्का ,खुश और अच्छा महसूस करेंगे।
तुरंत यानी जल्दी जीत हासिल करने के लिए आप अपनी पूजा मे हनुमान चालीसा, बजरंग बाण के स्तोत्र को शामिल करें। इन स्तोत्रो को पढ़ने नकारात्मक ऊर्जा घर मे प्रवेश नहीं करती।
इसके अलावा भजन आदि धार्मिक कथाओं को सुनना शुरू करें। घर मे हो तो या बाहर कहीं भी जा रहे तो भजन को फोन के माध्यम से सुनते हुए जाये। ऐसा करने से दो फायदे होंगे। पहला की आप भजनों के जरिए भगवान का मन से स्मरण करते रहेंगे। आपका मन पवित्र होगा। आपके काम अच्छे होंगे।
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दूसरा लगातार भजन सुनने से भगवान के प्रति आसक्ति और भी ज्यादा बढ़ जाती है। जिससे नकारात्मक ऊर्जा कमजोर पड़ जाती है क्योंकि भजन सुनना भी पूजा करने के बराबर ही होता है। क्योंकि पूजा करते समय तो केवल दो समय ही भगवान का नाम लिया जाता है लेकिन भजनों के माध्यम से हम उन्हें पूरे दिन याद करते है।और पूरे दिन भगवान को याद करने से ये नकारात्मक ऊर्जा शरीर मे जल्दी प्रवेश नहीं कर पाती।
प्रिय पाठकों, आशा करते हैं कि आपको पोस्ट पसंद आई होगी। विश्वज्ञान मे अगली पोस्ट के साथ फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए आप हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और प्रभु का स्मरण करते रहिए। भगवान शिव आप पर कृपा करें।
धन्यवाद
हर हर महादेव दोस्तों