अघर पूजा: एक रहस्यमयी साधना और इसकी सिद्धियाँ

VISHVA GYAAN
हर हर महादेव, प्रिय पाठकों! कैसे है आप लोग ,हम आशा करते है कि आप ठीक होंगे आज की इस पोस्ट मे हम जानेंगे अघर पूजा की साधना, विधि, सिद्धियां और नियम आदि की संपूर्ण जानकारी। 

अघर पूजा: एक रहस्यमयी साधना और इसकी सिद्धियाँ


अघर पूजा: एक रहस्यमयी साधना और इसकी सिद्धियाँ
अघर पूजा: एक रहस्यमयी साधना और इसकी सिद्धियाँ


परिचय 

अघर पूजा तंत्र और शैव परंपरा की एक रहस्यमयी साधना है, जो विशेष रूप से गुप्त रूप से की जाती है। यह साधना साधक को अद्भुत सिद्धियाँ और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। अगहर शब्द का अर्थ है—वह जो किसी भी प्रकार की सीमाओं से मुक्त हो। यह पूजा अघोरपंथ से भी संबंधित मानी जाती है, जिसमें साधक भौतिक बंधनों से मुक्त होकर परमशक्ति की साधना करता है।

अघर पूजा क्या है?

अघर पूजा एक उग्र साधना है, जिसमें साधक को विशेष विधियों से देवी-देवताओं की उपासना करनी होती है। यह पूजा विशेषकर उन साधकों द्वारा की जाती है जो शक्ति, तंत्र-मंत्र, और सिद्धि प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। इसे करने के लिए साधक को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार रहना आवश्यक होता है।

यह पूजा किसकी होती है?

  • महाकाल (शिव) की तांत्रिक उपासना
  • महाकाली, भैरव, दत्तात्रेय, अघोर शिव और अन्य उग्र रूपों की साधना
  • कुछ साधक इसे विशेष तांत्रिक सिद्धियों के लिए भी करते हैं।

अघर पूजा करने की विधि

1. स्थान और समय

  • इस पूजा को किसी एकांत, शक्तिपीठ, या श्मशान में किया जाता है।
  • रात्रि के समय (विशेष रूप से अमावस्या या पूर्णिमा) पर इसे करना अत्यधिक प्रभावी होता है।
  • नवमी, चतुर्दशी, और अष्टमी तिथियाँ भी शुभ मानी जाती हैं।

2. पूजा की सामग्री

  • पंचमेवा, नारियल, काले तिल, लाल वस्त्र
  • बलि के प्रतीक रूप में नींबू या नारियल
  • लाल चंदन, सिंदूर, और कुमकुम
  • अग्नि हवन के लिए विशेष जड़ी-बूटियाँ

3. मंत्र और जाप

  • शिव के तांत्रिक मंत्रों का जाप आवश्यक होता है, जैसे—
  • ॐ अघोरेभ्यः घोरेभ्यः घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः। नमः शिवाय तत्त्वमस्याद्वितीयाय।।
  • यह साधना विशेष बीज मंत्रों के साथ की जाती है।
  • गुरु द्वारा प्रदत्त मंत्रों का उपयोग करना अनिवार्य होता है।

अघर पूजा से प्राप्त सिद्धियाँ

अघर पूजा करने से साधक को कई प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं—

1. तंत्र-मंत्र सिद्धि

  • यह पूजा करने से साधक को तंत्र-मंत्र में महारत प्राप्त होती है।
  • किसी भी शक्ति को अपने वश में करने की क्षमता बढ़ती है।

2. आत्मबल और निर्भयता

  • साधक के भीतर से सभी प्रकार के भय समाप्त हो जाते हैं।
  • उसे जीवन और मृत्यु का रहस्य समझ आने लगता है।

3. रोग और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति

  • अगहर साधना से भूत-प्रेत, बुरी शक्तियाँ और नकारात्मक ऊर्जाएँ दूर रहती हैं।
  • साधक को किसी भी प्रकार के मानसिक और शारीरिक रोग से मुक्ति मिलती है।

4. कुंडलिनी जागरण और दिव्य दृष्टि

  • इस साधना से साधक की कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है।
  • उसे भविष्य देखने और अन्य लोकों की झलक पाने की सिद्धि प्राप्त हो सकती है।

5. आर्थिक और व्यापारिक सफलता

  • कुछ विशेष तंत्र प्रयोग करने से यह साधना धन और व्यापार में उन्नति दिलाने में सहायक होती है।
  • व्यापार में सफलता और स्थिरता आती है।

6. आकर्षण और वशीकरण सिद्धि

  • यह साधना व्यक्ति के आकर्षण और वाणी की शक्ति को बढ़ाती है।
  • वशीकरण और सम्मोहन से संबंधित सिद्धियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।

क्या शिव तामसिक हैं?

सावधानियाँ और नियम

  • यह साधना अत्यंत शक्तिशाली होती है, इसलिए इसे बिना गुरु के निर्देश के नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी प्रकार की असावधानी या अशुद्धि गंभीर परिणाम ला सकती है।
  • शुद्ध आचरण, ध्यान और संयम आवश्यक होता है।

संक्षेप में 

अघर पूजा एक अत्यंत प्रभावशाली और रहस्यमयी साधना है, जो साधक को तंत्र, शक्ति, और आत्मज्ञान की सिद्धियाँ प्रदान कर सकती है। यह पूजा सावधानीपूर्वक और गुरु के मार्गदर्शन में की जानी चाहिए। यदि सही विधि से की जाए, तो यह साधक के जीवन को चमत्कारिक रूप से बदल सकती है।

क्या आप अघर पूजा से जुड़े किसी अन्य प्रश्न का उत्तर चाहते हैं? नीचे कमेंट करें!

 जय महाकाल!

अघोरी बिना ज्योतिष सीखें भविष्यवाणी कैसे करते हैं?

FAQs 

1. क्या अघर पूजा सभी लोग कर सकते हैं?

नहीं, यह साधना अत्यंत शक्तिशाली होती है और इसे केवल योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए। यह आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि विशेष रूप से तांत्रिक और अनुभवी साधकों के लिए उपयुक्त है।

2. अघर पूजा का सबसे अच्छा समय कौन सा होता है?

अघर पूजा को आमतौर पर अमावस्या, पूर्णिमा, नवमी, और चतुर्दशी के दिन, विशेष रूप से मध्यरात्रि में करना सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है।

3. क्या अघर पूजा से नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं?

हाँ, यदि यह पूजा अशुद्ध मन, भय, या बिना किसी गुरु के मार्गदर्शन के की जाए, तो साधक को मानसिक और शारीरिक कष्ट हो सकते हैं। इसलिए सावधानी रखना आवश्यक है।

4. इस पूजा से क्या लाभ होते हैं?

अघर पूजा करने से साधक को तांत्रिक सिद्धियाँ, आत्मबल, रोगों से मुक्ति, कुंडलिनी जागरण, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो सकती है।

5. क्या अघर पूजा से आर्थिक समृद्धि प्राप्त की जा सकती है?

हाँ, यदि सही तांत्रिक विधियों और बीज मंत्रों का प्रयोग किया जाए, तो यह साधना धन, व्यापार में सफलता, और स्थायी समृद्धि प्रदान कर सकती है।

6. क्या यह पूजा केवल श्मशान में ही करनी चाहिए?

नहीं, इसे घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन पूर्ण विधि-विधान और गुरु निर्देशों के साथ। श्मशान में की जाने वाली पूजा अधिक प्रभावशाली मानी जाती है।

7. क्या अघर पूजा करने के लिए मांसाहार आवश्यक है?

नहीं, यह पूजा सात्विक और तांत्रिक दोनों प्रकार से की जा सकती है। कुछ तांत्रिक पद्धतियों में मांस, मदिरा आदि का उपयोग किया जाता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।

8. क्या अघर पूजा से वशीकरण सिद्धि प्राप्त की जा सकती है?

हाँ, यदि इसे सही तरीके से किया जाए, तो यह वशीकरण, सम्मोहन, और आकर्षण शक्ति को बढ़ाने में सहायक हो सकती है।

9. क्या इस पूजा को करने से साधक को देव दर्शन होते हैं?

हाँ, यदि साधक पूर्ण निष्ठा और नियमों का पालन करे, तो उसे महाकाल, महाकाली, और अन्य दिव्य शक्तियों के दर्शन होने की संभावना होती है।

10. अघर पूजा करने के बाद किन नियमों का पालन करना चाहिए?

  • सात्विक आहार और विचार रखें।
  • गुरु निर्देशों का पालन करें।
  • किसी भी तांत्रिक शक्ति का दुरुपयोग न करें।
  • पूजा के प्रभाव को बनाए रखने के लिए नित्य साधना करें।

तो प्रिय पाठकों, कैसी लगी आपको पोस्ट ,हम आशा करते हैं कि आपकों पोस्ट पसंद आयी होगी। इसी के साथ विदा लेते हैं अगली रोचक, ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी ,तब तक के लिय आप अपना ख्याल रखे, हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।

धन्यवाद ,हर हर महादेव

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)