क्या शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से शनि देव की कुदृष्टि खत्म हो जाएगी?

हर हर महादेव! प्रिय पाठकों, कैसे हैं आप, आशा करते हैं कि आप ठीक होंगे। आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की क्या शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से शनि देव की कुदृष्टि खत्म हो जाएगी?जो बहुत लोगों के मन में आता है। क्या शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से शनि देव की कुदृष्टि दूर होती है? चलिए इसे सरल और स्पष्ट भाषा में समझते हैं।

क्या शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से शनि देव की कुदृष्टि खत्म हो जाएगी?


क्या शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से शनि देव की कुदृष्टि खत्म हो जाएगी?
क्या शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से शनि देव की कुदृष्टि खत्म हो जाएगी?



शनि देव और उनकी कुदृष्टि

शनि देव को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। यह कहा जाता है कि शनि देव हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब रखते हैं और उसी के आधार पर हमें फल देते हैं। जब व्यक्ति के कर्मों में कुछ दोष होते हैं, तब शनि की दृष्टि कष्ट का कारण बनती है। यह समय शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अन्य शनि दोष के रूप में देखा जा सकता है।

हनुमान जी और शनि देव का संबंध

हनुमान जी को शनि देव से संबंधित कष्टों को दूर करने वाला देवता माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि शनि देव स्वयं हनुमान जी का आदर करते हैं और उनके भक्तों पर अपनी कुदृष्टि नहीं डालते। जब हनुमान जी रावण के बंदीगृह में थे, तब शनि देव को भी कैद किया गया था। हनुमान जी ने उन्हें रावण से मुक्त करवाया, जिसके बाद शनि देव ने उन्हें वचन दिया कि जो भी हनुमान जी की पूजा करेगा, उस पर उनकी दृष्टि नहीं पड़ेगी।

हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का महत्व

हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को साहस, शक्ति और सुरक्षा मिलती है। हनुमान चालीसा के प्रत्येक शब्द में ऐसी ऊर्जा है, जो नकारात्मकता और भय को दूर करती है। सुंदरकांड में भगवान श्रीराम और हनुमान जी की लीला का वर्णन है, जो भक्त को सकारात्मक ऊर्जा और शांति प्रदान करता है।

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क्या शनिवार को पाठ करना आवश्यक है?

शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है। इसी कारण से लोग इस दिन हनुमान जी का पाठ करते हैं ताकि शनि देव की कुदृष्टि दूर हो। शनिवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से मन में हनुमान जी की कृपा बनी रहती है और साथ ही व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हनुमान जी की कृपा के लिए आप इसका पाठ मंगलवार के दिन भी कर सकते हैं। य़ह दिन भी उत्तम है। 

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क्या इससे शनि की कुदृष्टि खत्म होती है?

हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ से शनि की कुदृष्टि का प्रभाव कम हो सकता है क्योंकि यह पाठ व्यक्ति के मनोबल को बढ़ाता हैं और उसमें सहनशक्ति पैदा करता हैं। शनि देव के कष्टों का कारण व्यक्ति के कर्म होते हैं, और हनुमान जी का पाठ हमें अच्छे कर्म करने और सही राह पर चलने की प्रेरणा देता है। 

इस प्रकार, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ से शनि की कुदृष्टि का प्रभाव अवश्य ही कम हो होता है। इसमे कोई संदेह नहीं। 

तो प्रिय पाठकों, आशा करते हैं कि आपको पोस्ट पसंद आई होगी। ऐसी ही रोचक जानकारियों के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी, तब तक के लिए आप अपना ख्याल रखें, हंसते रहिए,मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए। 

धन्यवाद, हर हर महादेव

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