हर हर महादेव, प्रिय पाठकों,कैसे है आप लोग,आशा करते हैं कि आप भगवान शिव की कृपा से ठीक होंगे।
क्या पूजा करते समय आंसू निकलने लगते है,तो आप भाग्यशाली है।
क्या पूजा करते समय आंसू निकलने लगते है,तो आप भाग्यशाली है |
दोस्तों आप मे से कई लोग ऐसे होंगे, जिन्हें पूजा करते समय रोना आ जाता है .बिना किसी कारण आँखों से आंसू निकलने लगते है. क्या ये आंसू निकलना स्वाभाविक है?या कोई और कारण है। क्या आप जानना चाहते है। तो चलिए बिना देरी किए पढ़ते है आज की ये पोस्ट क्योंकि आज की ये पोस्ट इसी विषय पर है।
सबसे पहले तो हम आपको बता दें मित्रों, यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो आप बहुत भाग्यशाली है. क्योंकि ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता।
दूसरा मित्रों ये बात भी समझने की बहुत जरूरत है .की जो ये आंसू है, वो किस प्रकार के है। असली है या नकली। क्योंकि संसार मे दो प्रकार के लोग होते है। एक वो जो नॉर्मल रहते है ,कोई दिखावा नहीं करते।
वो जैसे भी है सबके सामने एक जैसे ही रहते है. घर मे कुछ और, और बाहर कुछ और ,ऐसा नहीं करते। ऐसे लोगों का जीवन खुली किताब की तरह होता है क्योंकि ये आध्यात्म से जुड़े हुए धार्मिक लोग होते हैं।
दूसरे वो जो दिखावा करते हैं, आध्यात्मिक होने का नाटक करते हैं. ऐसे लोगों को सिर्फ अपना ही रहन सहन अच्छा लगता है ,अपना खाना-पीना ,अपना घर ,अपनी चीजें आदि ही अच्छी लगती है।
इनमे एक खास बात ये भी होती हैं की इन्हें अपनी तारीफ सुनना बहुत पसंद होता है और यदि कोई इनकी या इनकी चीजों की तारीफ न करें तो ये उनकी बुराई करने लगते है. खैर हमे इस बारे मे बात नही करनी .क्योंकि ये हमारा विषय नहीं है।
हमारा आज का विषय बहुत महत्वपूर्ण है। ये थोड़ी सी जानकारी थी जो पोस्ट से संबंधित थी, जिसे संक्षिप्त मे बताना हमने उचित समझा ,जिससे आप दो तरह के लोगों में अन्तर समझ सके।
चलिए अब जानते है कि पूजा करते समय आंसू क्यों निकलने लगते हैं। मित्रों वो लोग जो अधिक पूजा पाठ, जप ,ध्यान आदि करते हैं। इसके अलावा वो लोग भी जो पूजा तो कभी-कभी करते हैं,लेकिन पूरे मन से,भाव से करते हैं और पूरे दिन मन में भगवान की छवि को बसा कर रखते हैं, यानी पूरे दिन दिनचर्या का पालन करते हुए भगवान को याद करते रहते है। ऐसे लोगों के लिए ये पोस्ट अधिक महत्वपूर्ण है।
मित्रों, पूजा करते-करते जब काफी समय बीत जाता है, कई साल बीत जाते हैं, तब कहीं जाकर एक भक्त के अंदर ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है, कि पूजा करते-करते, बिना किसी कारण आँखों से आंसू निकलने लगते हैं।
उसे खुद भी नहीं पता होता कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?कई बार तो ऐसी स्थिति भी हो जाती है कि स्तुति या मंत्र जप करते-करते गला भर आता हैं। वो चाह कर भी कुछ बोल नहीं पाते, आवाज अटकने लगती है।
ऐसी विचित्र स्थिति हो जाती है मित्रों, कि शब्दों में बता पाना बहुत ही मुश्किल है। इसे सिर्फ एक सच्चा भक्त ही महसूस कर पाता हैं। और जब ऐसी स्थिति हो जाती है मित्रों ,तो ये समय उस भक्त के लिए इतना विलक्षण होता क्योंकि ये वही स्थिति होती जब उसके इष्ट यानी उसके भगवान उसके सिर पर प्यार से अपना हाथ फिराते हैं।
जी मित्रों, यकीन मानिये ये 100% सच बात है। पूजा करते समय एक भक्त की आँखों से आंसू निकलने का यही कारण होता है कि भगवान उस समय उनके सिर पर हाथ फिरा रहें होते हैं।
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आप शायद यकीन न करें, लेकिन जो सिद्ध महापुरुष, योगी ,महात्मा,साधु आदि होते हैं, वो इस बात को बहुत अच्छे से जानते है ,क्योंकि उन्होंने अपनी सिद्धियों के कारण इस अनुभव को महसूस किया है। महसूस ही नहीं बल्कि उन्होंने तो अपनी तपस्या के बल से भगवान के प्रत्यक्ष दर्शन भी किये हैं।
और इतने दावे के साथ हम इस बात को यदि कह रहे हैं तो, वो सिर्फ इसलिए कि मेरे पिता एक ज्योतिषी है। भगवान के प्रति उनका बहुत लगाव है। वो मुझे भगवानों की अनेक कथाएँ व लीलाओं के बारे मे बताते रहते है, इसलिये मैं उनसे जो कुछ भी ज्ञान प्राप्त करता हूं ,वही आप तक पहुंचाने की कोशिश करता हूं।
लेकिन प्रिय दोस्तों ,एक बात हमेशा ध्यान रखे कि दिखावे मे कभी ये आंसू नहीं निकलेंगे। फिर चाहे कोई कितना ही भक्ति में लीन क्यों ना हो। आंसू निकलते हैं अपनेपन से। जी हाँ मित्रों, भक्ति मे लीन होना ही जरूरी नही है, बल्कि उसमे अपनेपन का भाव होना भी बहुत जरूरी है।
हम संसार को अपना समझते हैं, लेकिन वास्तव में यदि कोई अपना हैं, तो वो है अपने ईष्ट। जो कभी भी, किसी भी परिस्थिति में अपने भक्त से दूर नही होते। और जिस दिन एक भक्त खुद को पूरे तरीके से भगवान को सौंप देता है, भगवान पर ही निर्भर हो जाता है, तब भक्त का भगवान से अपनेपन का नाता जुड़ जाता है। और उसी दिन से पूजा करते समय भक्त की आँखों से आँसू निकलने लगते हैं।
ये आंसू भक्त और भगवान के दिल से जुड़े होते हैं और पूजा करते समय अपने आप निकल आते हैं, क्योकि ऐसा कभी नहीं होता कि भक्त पुकारे और भगवान ना आए। वो जरूर आते हैं। विश्वास कीजिए। बस आपको उनको महसूस करना आना चाहिए।
तो मित्रों,जिस किसी के साथ भी ऐसा होता है, कि पूजा करते समय, अपने भगवान की कथा सुनते समय, टीवी पर उनकी लीलाओं को देखते समय या फिर किसी के भी मुख से अपने इष्ट की बातों को सुनकर गला भर आए, उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे ,तो उन्हे खुश हो जाना चाहिए। क्योंकि वो बहुत भाग्यशाली होते है।
वो भगवान को अति प्रिय होते है। जिस समय आपकी आँखों से आँसू निकल रहे होते है,उस समय भगवान का हृदय भी आपके लिए गदगद हो रहा होता है, इसलिये उस वक्त आपके इष्ट आपको छू रहे होते है,आपको स्पर्श कर रहे होते है, प्यार से आपके सिर पर हाथ रख रहे होते है। आपको प्यार कर रहे होते है और आपको अपने होने का एहसास दिला रहे होते है।
इसलिये अपने उस अनुभव को ,किसी और से नहीं कहना चाहिए। बल्कि अपनी पूजा,आराधना और बढ़ा देनी चाहिए। क्योंकि अब वो दिन दूर नहीं जब आपके इष्ट आपको दर्शन देंगे।
हालांकि ये स्थिति तो वहीँ होती है, कि भगवान के दर्शन हो जाये, पर हम इंसान अंदर से बहुत कमजोर होते है। क्योंकि भगवान को देखना इतना आसान नहीं है। उनमे एक अलौकिक शक्ति व तेज होता है, जिसे देख पाना हर किसी के लिए संभव नही।
अधिकतर भगवान को देखने वाले लोग या तो पागल हो जाते है या फिर अंधे हो जाते है। लेकिन जो धीरे धीरे, एक एक सीढ़ी चढ़ते हुए ऊपर उठते हैं, यानी जो सही तरीके से मन लगा कर पूजा,अर्चना,आराधना, नियमित रूप से बिना किसी इच्छा के करते चले जाते हैं ,तो जब उन्हें भगवान दर्शन देते हैं, तो वो भक्त न अंधे होते है और न पागल ही होते है।
जिस प्रकार महाभारत में श्री कृष्ण जी ने जब अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाया, तो अर्जुन न पागल हुए और ना ही अंधे। इसी प्रकार जब भगवान खुद अपनी मर्जी से, खुशी से अपने भक्त को दर्शन देते हैं,तो भक्त पूरी तरह से सुरक्षित रहता है।
हाँ, इतना तो जरूर होता है कि, भगवान को देखने के बाद भक्त के मन मे वैराग्य पैदा हो जाता हैं। अपने इष्ट देव के दर्शन करने के बाद उसे ये संसार अच्छा नहीं लगता और वो अपना पूरा जीवन भगवान के चरणों मे ,उनकी सेवा मे बिता देता है और अंत मे मोक्ष को प्राप्त करता हैं।
ऐसे लोग जिनकी अकाल मृत्यु होनी हो और वो इस भाव के हो कि पूजा करते समय उनकी आँखों से आँसू निकलने लगे , उन्हें रोना आ जाये। भगवान पर ही निर्भर हो, तो मित्रों यकीन मानिये ऐसे लोगों की आयु बढ़ जाती है क्योंकि भगवान उन्हें भक्ति करने का और अधिक समय देते है, जिससे उसकी अकाल मृत्यु न हो।
तो प्रिय पाठकों, ये थी आज की पोस्ट। आशा करते हैं कि आपको पोस्ट पसंद आई होगी। यदि आपके मन मे किसी प्रकार का कोई प्रश्न हो, या कोई शंका हो ,तो आप निस्संकोच पूछ सकते है। हम आपके प्रश्न का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे।
इसी के साथ अपनी वाणी को यहीं विराम देते हुए अगली पोस्ट के साथ विश्वज्ञान में फिर से मुलाकात होगी। तब तक के लिए आप हंसते, मुस्कुराते रहिए और प्रभु को याद करते हुए अपनी साधना मे लगे रहिए। आपको आपके इष्ट का प्रेम प्राप्त हो।
धन्यवाद
हर हर महादेव