श्री गणेशाय नमः
स्तोत्रम कस्य न तुष्टये प्रिय पाठकों इसका अर्थ है कि संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो स्तुतियों से प्रसन्न न हो जाता हो। ग्रंथो में लिखा है कि साम या स्तुति के द्वारा राक्षस आदि भयंकर सत्व भी वशीभूत हो जाते है। इसलिए दंड, भेद दान आदि नीतियों
हर हर महादेव प्रिय पाठकों ! कैसे है आप लोग, आशा करते है आप सभी सकुशल होंगे। भगवान् शिव का आशीर्वाद हमेशा आपको प्राप्त हो।
Ganesh Chaturthi Special/ ganesha prayer in sanskrit (संकटनाशन गणेश स्तुति संस्कृत में ) |
लेखक का कहना
author says
दोस्तों ! भगवान् ने हमारी इस भारत भूमि मे अनेक प्रकार के कवि व लेखकों को सम्पूर्ण जगत के कल्याण के लिए एक धरोहर के रूप में भेजा है। जिन्होंने अपनी अपनी योग्यताओं ,अनुभवों के अनुसार अपनी कविताओं ,स्तोत्र ,दोहे ,कहानियों के जरीए लोगों को भगवत्प्राप्ति के महान सन्देश दिये ।
स्तोत्रम कस्य न तुष्टये प्रिय पाठकों इसका अर्थ है कि संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो स्तुतियों से प्रसन्न न हो जाता हो। ग्रंथो में लिखा है कि साम या स्तुति के द्वारा राक्षस आदि भयंकर सत्व भी वशीभूत हो जाते है। इसलिए दंड, भेद दान आदि नीतियों में साम या स्तुति -प्रसंशा को ही सबसे अच्छा माना गया है। इसलिए वेदों से लेकर इतिहास ,पुराण और कविताओं में सर्वत्र सूक्त एवं स्तोत्र भरे पड़े है। जिन्हे हर मनुष्य को जानना चाहिए और विश्वास करना चाहिए।
इस भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगो के पास समय का बहुत अभाव है। पर फिर भी ,जिस शक्ति ने आपको सबकुछ दिया ,उन्हें याद करने के लिए हर मनुष्य को थोड़ा समय तो जरूर निकालना चाहिए। इसलिए हमने आपकी सुविधा के लिए कुछ प्रमुख देवी -देवताओ की स्तुतियों को आपके समक्ष रखा है। जिन्हे पढ़ कर आप लाभ उठा सकते है।
धार्मिक पुस्तकें हर वक़्त अपने पास नहीं रखी जा सकती क्योकि मनुष्य को कभी भी -कहीं भी जाना पड़ जाता है, पर फ़ोन तो सभी अपने पास रखते है। इसलिए आप इस ब्लॉग के जरिए अपने इष्ट को यानी भगवान् को आप चाहे जिस भी भगवान् को मानते है ,उस भगवान् को ,उस शक्ति को याद कर सकें।
ग्रंथो में लिखे इन स्तोत्रों के द्वारा पूजा करने पर सभी देवी -देवता प्रसन्न होते है और अपने भक्तो का कल्याण करते है। दोस्तों ! विश्वास के साथ की गई पूजा का फल मनुष्य को अवश्य प्रापट होता है। हाँ -ये हो सकता है की पूजा का फल आपको जल्दी मिले या देर से ,पर मिलेगा जरूर। इसमें कोई संदेह नहीं।
तो जैसा की आप सभी जानते है की हर अच्छे काम की शुरुआत भगवान् श्री गणेश जी के नाम से की जाती है। इसलिए हमने भी अपनी पहली शुरुआत इन्ही के नाम से की। आप चाहे तो proof के लिए हमारी पहली पोस्ट देख सकते है। आप भी अपने जीवन के हर दिन को सफल बनाने के लिए सबसे पहले श्री गणेश जी का स्मरण करें , जिससे आपका जीवन मंगलमय बने। तो आइये शुरू करे आज का पहला स्तोत्र।
संकटनाशनगणेशस्तोत्रम
Sankatnashan Ganesh Stotram
ॐ श्री महागणाधिपतये नमः
Ganesh Chaturthi Special/ ganesha prayer in sanskrit (संकटनाशन गणेश स्तुति संस्कृत में ) |
संकटनाशनगणेशस्तोत्रम
नारद उवाच
प्रणम्य शिरसा देवम गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं स्मरेनित्यमायुः कामार्थसिद्धये।।
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षम गजवक्त्रं चतुर्थकम।।
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठम विकटमेव च
सप्तमं विघ्नराजम च धूम्रवर्णं तथाष्टमम।।
नवमं भालचन्द्रं च दसमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननं।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।।
विद्यार्थी लभते विद्यां घनार्थी लभते धनं।
पुत्रार्थी लभते पुत्रांमोक्षार्थी लभते गतिम।।
जपेदगणपतिस्तोत्रम षड्भिर्मासैः फलं लभेत।
संवतसरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशयः।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः।।
इति श्रीनारदपुराणे संकटनाशनस्तोत्रं सम्पूर्णम।
चर्पटपञ्चरिकास्तोत्र हिंदी में
स्तोत्र के रचनाकार
psalmist
ये स्तोत्र श्री नादरजी द्वारा कहा गया है। इसमें वो श्री गणेश जी की आराधना करते है ,बहुत ही मंगलदायक स्तोत्र है। ये पढ़ने व सुनने वाले दोनों के लिए लाभकारी है इसलिए हर सुबह इसका पाठ करना चाहिए
यदि आप इस स्तोत्र की हिंदी जानना चाहते है तो आप हमारी पहली पोस्ट को पढ़े। उसमे इस स्तोत्र की पूरी हिंदी लिखी है। आप जैसे चाहे वैसे आराधना करें। हिंदी में करना चाहे तो हिंदी ,संस्कृत में करना चाहे तो संस्कृत में या कभी एक दिन हिंदी में या कभी एक दिन संस्कृत में। ये आपकी इच्छा है। आशा है आपको ये स्तोत्र पसंद आया होगा। आप हमसे अपनी इच्छा प्रकट कर सकते है।
Ganesh Chaturthi Special/ganesha 12 names stotra with meaning स्मरण, गणेश स्तुति
प्रिय पाठकों !आशा करते है आपको पोस्ट पसंद आई होगी। विश्वज्ञान हमेशा ऐसी ही रियल स्टोरीज आपको मिलती रहेंगी। विश्वज्ञान मेंअगली पोस्ट के साथ फिर मुलाक़ात होगी। तब तक के लिए अपना ख्याल रखे ,खुश रहे और औरों को भी खुशियां बांटते रहें। जय श्री गणेशा
धन्यवाद।